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जै कन्हैया जी की / लक्ष्मी खन्ना सुमन

जै कन्हैया जी की
पूड़ी खाओ घी की

भाजी बहुत करारी
खत्म हुई है सारी

अब अचार से खाओ
वरना मौज मनाओ

रीता ठंडा पानी
गुस्सा करती नानी

हलवा नहीं बनाया
हमको भोज न भाया

नानी को फुसलाओ
पैसे उससे पाओ

मिलकर मौज मनाएँ
चाट पकौड़ी खाएँ