सोचता हूँ ओढ़ लूं
किसी की हर चुप्पी
हर इनकार
दूरी की हर कोशिश
और हो जाऊँ
उसी की तरह
एकदम सुरक्षित
प्रेम … एक जोखिम तो है ही !
सोचता हूँ ओढ़ लूं
किसी की हर चुप्पी
हर इनकार
दूरी की हर कोशिश
और हो जाऊँ
उसी की तरह
एकदम सुरक्षित
प्रेम … एक जोखिम तो है ही !