जो मेरा अपना था, कोई और था।
मुझमें जो रहता था, कोई और था।
जो सदाएँ बनके मेरे आसपास,
फैलता जाता था, कोई और था।
तू मेरे एहसास को मत लफ़्ज़ दे,
जो दुआ बनता था, कोई और था।
मैं समझता था, बड़ा क़ाबिल हूँ मैं,
और जो दाता था, कोई और था।
सुबह जो ऊगा है, कोई और है,
शाम जो ढलता था, कोई और था।
तू है क्या "साबिर" ? है क्या तेरा वजूद?
तुझमें जो गाता था, कोई और था।