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ज्ञान / शशि सहगल

पता चल चुका है हमें
चाँद पर हैं पत्थर, गड्ढे और चट्टानें
लेकिन मासूम दरख़्त
झूमता है
पूरे चाँद की रोशनी में नहाकर।

भूलकर भी मत बतलाना उसे
चाँद की असलियत
मत छीनना उससे
भ्रम का स्वर्ग