विश्व में दुःशान्ति यह क्यों छा रही है?
आग पर क्यों आग लगती जा रही है?
एक है कारण कि जो है मूर्ख वह तो
हर विषय में ठीक निज को ही समझता है।
किन्तु, जो ज्ञानी पुरुष हैं,
वे घिरे हैं हर तरफ सन्देह से।
मूर्ख की ललकार वे दिन-रात सहते हैं।
जोर से लेकिन, न कोई बात कहते हैं।