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ज्योति / मंजुला सक्सेना

मैं देखता हूँ पीछे और पश्चात,
और पाता हूँ सब है ठीक,
मेरे गहनतम विषाद में,
निहित है आत्मा की ज्योति.


स्वामी विवेकानंद द्वारा रचित मूल अंग्रेज़ी रचना
Light

I look behind and after
And find that all is right,
In my deepest sorrows
There is a soul of light.