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झटपट चल दो / प्रकाश मनु

चुहिया रानी के संग चूहे
राजा दिल्ली आए,
घूम लिए बाजार सभी फिर
लाल किले पर आए।
वहाँ चल रहा भाषण
मोटे नेता जी आए थे,
सब गंदे हैं, मैं अच्छा हूँ
कहकर इतराए थे!
चुहिया बोली झटपट चल दो
देश नहीं यह अच्छा,
जो सबको गंदा कहता है
दिल का है वह कच्चा।
चूहे राजा बोले चुहिया
दिल्ली का यह दंगल,
बस, भाषण की राजनीति है
चौतरफा है दलदल।
कल ही टिकट कटाकर
जाएँगे हम नैनीताल,
चैन मिलेगा वहीं, यहाँ तो
तबीयत है बेहाल!