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झूठ बोलने की सजा / प्रभुदयाल श्रीवास्तव

बाघ आ गया बाघ आ गया,
कहकर चरवाहा चिल्लाया।

आए गाँव के लोग वहाँ तो,
बाघ किसी ने वहाँ न पाया।

झूठ बोलकर चरवाहे ने,
बार-बार विश्वास गंवाया।

किंतु बाघ जब सच में आया,
कोई बचाने उसे न आया।

झूठ बोलने वालों का तो,
हाल यही है होता आया।

दुनिया वालों को ऐसा यह,
काम कभी बिलकुल न भाया।