खुलै
सुंवैं चौपड़ै
झूठ रै मै‘ल री
पोळ
बड़ज्या
दड़ाछंट
होदै समेत हाथी
ऊभी
गांव रै गौरवैं
इकलखोरड़ी साच री झूंपड़ी
बड़ सकै मांय
नवा‘र माथो
कोई चेतना रो धणी !
खुलै
सुंवैं चौपड़ै
झूठ रै मै‘ल री
पोळ
बड़ज्या
दड़ाछंट
होदै समेत हाथी
ऊभी
गांव रै गौरवैं
इकलखोरड़ी साच री झूंपड़ी
बड़ सकै मांय
नवा‘र माथो
कोई चेतना रो धणी !