Last modified on 12 अप्रैल 2012, at 20:46

झूलने वाली कुर्सी / दुन्या मिखाईल

मुखपृष्ठ  » रचनाकारों की सूची  » रचनाकार: दुन्या मिखाईल  » झूलने वाली कुर्सी



जब वे आए,
बड़ी माँ वहीं थीं
झूलने वाली कुर्सी पर.
तीस साल तक
झूलती रहीं वे...
अब
मौत ने मांग लिया उनका हाथ,
चली गयीं वे
बिना एक भी लफ्ज़ बोले,
अकेला
छोड़कर इस कुर्सी को
झूलते हुए.


अनुवाद : मनोज पटेल