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झूला डरो कदब की डार / बुन्देली

   ♦   रचनाकार: अज्ञात

झूला डरो कदंब की डार
झूलें राधा प्यारी ना। झुला...
कौना झूले कौन झुलावे,
ऋतु मतवारी ना। झुला...
राधा झूलें श्याम झुलावें,
बदरा छाये ना। झुला...
कौना गावें कौना बजावें,
कौना नाचे ना। झुला...
सखियाँ गावें कृष्ण बजावें,
ग्वालें नाचे ना। झुला...