उग्यो’क कोनी उग्यो
देखै खिणखिण
खोद’र
बायोड़ो बीज
भोळा टाबरिया,
हु’ गी बां रै भऊं
आ ही एक रमत
कोनी जाणै बै
चाहीजै सिरजण नै
धूळ’र सागै
गिगनार’र बगत
ओ आखो जगत
तीन्यां री
मिली भगत।
उग्यो’क कोनी उग्यो
देखै खिणखिण
खोद’र
बायोड़ो बीज
भोळा टाबरिया,
हु’ गी बां रै भऊं
आ ही एक रमत
कोनी जाणै बै
चाहीजै सिरजण नै
धूळ’र सागै
गिगनार’र बगत
ओ आखो जगत
तीन्यां री
मिली भगत।