टाबर
कित्ता बोलै सांच
नीं जाणै
बणावटी बातां
जात-पांत
अर
भेदभाव भी
नीं जाणै
टाबर
स्यात जदी हुवै
टाबर
भगवान रौ रूप।
टाबर
कित्ता बोलै सांच
नीं जाणै
बणावटी बातां
जात-पांत
अर
भेदभाव भी
नीं जाणै
टाबर
स्यात जदी हुवै
टाबर
भगवान रौ रूप।