Last modified on 17 फ़रवरी 2020, at 11:56

टीरी डाम / सुन्दर नौटियाल

 
कैगे होलु बिकास बल बिकास तुमुक यु टीरी डाम,
हमतैं बस त्रास बस त्रास कैगे यु टीरी डाम ।।
छाम डुबै, स्यांसु डुबै, भल्डियाणा, टीरी-दुबाटा डुबै,
कुड़ी-द्वारी, डोखरी-पुंगड़ी, आणा-जाणा का बाटा डुबै,
करली पूरा पर्यटनु का सुपीना तुमारी या टीरी झील,
हमारी त आँख्युं कु खाड़ राली जिकुड़ा मा की कील ।
होलु तुमारी उबी-दुबी की आस होलु यु टीरी डाम,
हमतैं बस त्रास सिर्फ त्रास कैगे यु टीरी डाम ।।
मिली होला पलौट-नौट का पुळा जौं भग्यानु थैं,
चलि गैन डुबैक बात-थात, द्यौ-भग्वानु थैं,
हमथैं क्या मिली जु बस्यां दुर्रू खाळु-धारों मा ?
हम त सुदी ठग्यां हि रैग्ये यूँ बिकासु का नारौं मा ।
तुमथैं देश-दुनियां सि मथी खास, ह्वैगे यु टीरी डाम,
हमतैं बस त्रास सिर्फ त्रास कैगे यु टीरी डाम ।।
बरू-बैकर बि ल्यौण अर कुड़ी-द्वारी बि बणौण छा,
गंगापार शैरू-बजारू कि चीज गौं पौंछौंण छा ।
सुख-दुख, मन्नु-भजणु, छ्वीं-बात कथगा नि होंद,
तौ-त्यौहार, दिन-बार, ब्यौ-बरात कथगा नि होंद,
गौं का गौं खाली करैक बणबास कैगे यु टीरी डाम,
हमतैं बस त्रास सिर्फ त्रास कैगे यु टीरी डाम ।।
सामणी चिन्याली, कण्डीसौड़, चम्बा-टीरी धार मा,
सिली की लरूण-रोण बि सुणे जाउ तौं बजारू मा ।
पर औखा मा असूक मा, रात-बिरात अचाणचक मा,
टीरी छोड़ी उतरकासी कनकै जाउ यीं हक-बक मा ?
कै घरौं अंध्येरू करिग्ये कै, बिणास कैगे यु टीरी डाम,
हमतैं बस त्रास सिर्फ त्रास कैगे यु टीरी डाम ।।
द्वी फर्लांग गंगापार जावा त मीलु घुम्मी आवा,
निथर तौं डुरेन्डौं भरोसा, छाला किनारा बैठ्यां रावा ।
द्वी फिर्री की बस चलाईं तुमारी टैम-टैम की,
जर्रतै ही न छ हमथैं इतग्या प्यार-प्रेम की,
डांडी-कांठी गौं-गलौं उदास कैगे यु टीरी डाम,
हमतैं बस त्रास सिर्फ त्रास कैगे यु टीरी डाम ।।