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फटाक !
मेरी प्रिय कांच की चायदानी
प्योनी और हरे पत्तों के साथ
टूटी पड़ी है !
मात्र एक दंपत्ति के मतलब की
पुरानी यादें गत दस वर्षों की
आनंद लिया हर दिन इसकी खूब्सूरती का
थामे इसे अपने हाथों में,
दुःख है इसके खोने का .
ऐसी बढ़िया चायदानी
नहीं मिलेगी फिर ,
लेकिन खोजनी पड़ेगी नई,
टूटना किसी चीज़ का बुरा नहीं है इतना
यह अवसर है
नए के आने का !
अनुवादक: मंजुला सक्सेना