चुपके से आ बैठी याद
टहनी-सी टूट गई रात
दर्द भरे सीले-सीले
पलकों के डैने गीले
खोल गए बरसों की बात
टहनी-सी टूट गई रात
बूँद नए मन्त्र बोलती
तनहाई घर टटोलती
प्राण हरे बैरिन बरसात
टहनी-सी टूट गई रात
चुपके से आ बैठी याद
टहनी-सी टूट गई रात
दर्द भरे सीले-सीले
पलकों के डैने गीले
खोल गए बरसों की बात
टहनी-सी टूट गई रात
बूँद नए मन्त्र बोलती
तनहाई घर टटोलती
प्राण हरे बैरिन बरसात
टहनी-सी टूट गई रात