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सैलानियों का ढेर लगा है मेज पर.
कल उड़ान भरेंगे उनके हवाई जहाज
एक रुपहली बिंदी लगाएंगे आसमान में
और शहरों पर उतरेंगे सांझ की तरह.
श्रीमान जार्ज का कहना है कि उनकी प्रेमिका
अब मुस्कराती नहीं उन्हें देखकर.
वह सीधे रोम तक का सफ़र तय करना चाहते हैं
वहां, उसकी मुस्कराहट जैसी एक कब्र खोदने के लिए.
"लेकिन सारी सड़कें रोम तक नहीं जातीं," मैं उन्हें याद दिलाती हूँ,
और उन्हें एक टिकट सौंपती हूँ.
वह खिड़की के पास बैठना चाहते हैं
आश्वस्त होने के लिए
कि एक ही जैसा है आसमान
हर जगह.
अनुवाद : मनोज पटेल