ठीकर
हम श्मसानों के नज़दीक
बना बैठे घर
एक-एक पल की
अरथी को
जाते देखा,
कितने घट फूटे
या फोड़े
ठीकर देख
कौन जानेगा?
ठीकर
हम श्मसानों के नज़दीक
बना बैठे घर
एक-एक पल की
अरथी को
जाते देखा,
कितने घट फूटे
या फोड़े
ठीकर देख
कौन जानेगा?