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ठूँठ खड़ा है / कात्यायनी

असम्पृक्त, एकाकी, अड़ियल
तना खड़ा है ठूँठ।
किसी ऊँट के कूबड़ जैसा
गुट्ठल-भोंथर।
जैसे कोई जीवन
सूखा-निर्मम-थेंथर।
धरती में धँस गई
कटारी जैसे कोई,
लेकिन ऊपर
अड़ी हुई है मूँठ।

रचनाकाल : जनवरी-अप्रैल, 2003