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डँडा गीत / छत्तीसगढ़ी

   ♦   रचनाकार: अज्ञात

तोर अस जोड़ी हो ललना , मोरे अस जोड़ी
कबहू न गढ़े भगवान मोरे ललना ॥

कउन महीना म होही मंगनी अव बरनी ।
कउन महीना म होही मंगनी अव बरनी ।
मंगनी अव बरनी हो ललना , मंगनी अव बरनी ।
मंगनी अव बरनी हो ललना , मंगनी अव बरनी ।
कउन महीना मे बिहाव मोरे ललना ।

माँघ महीना म होही मंगनी अव बरनी ।
माँघ महीना म होही मंगनी अव बरनी ।
मंगनी अव बरनी हो ललना , मंगनी अव बरनी
मंगनी अव बरनी हो ललना , मंगनी अव बरनी
फागुन महीना मे बिहाव मोर ललना ॥

कोरवन पाइ–पाइ भँवर गिंजारे ।
खोरवन पाइ –पाइ भंवर गिंजारे ।
भँवर गिंजारे हो ललना , भँवर गिंजारे ।
पर्रा मे लगिंन लगाय मोरे ललना ॥