डंडा डोली पालकी
जय कन्हैया लाल की!
आगे-बागे टूल के,
झांझ-मंजीरे कूल के
शंख समंदर-कूल के
ढपली धुर बंगाल की!
जय कन्हैया लाल की
कमर करधनी कांस की
वंशी सूखे बांस की
जिसमें जगह न सांस की,
झांकी बड़े कमाल की
जय कन्हैयालाल की
माखन-मिस्री घोलकर
मन-भर पक्का तोलकर
खाते हैं दिल खोलकर
रबड़ी पूरे थाल की
जय कन्हैयालाल की