डगरे बुलिय-बुलि रोवेले धनिया, आजु भइया नाहीं आइल रे।।१।।
दुअरा ही घोड़ा हेहनाइल, बेछरा ठेहनाइल रे,
देखहु रे चेरिया, बीरन भइया का लेके आइल रे।।२।।
केही मोरा इमिली घोंटइहें, चुनरी पहिरइहें,
त के मोरा रखिहन मान, कइसे मन हरखी नु ए।।३।।
बड़का भइया इमिली घोंटइहें, चुनरी पहिरइहें
त छोटका भइया रखिहन मान, तबहिं जीव हरखी नु ए।।४।।