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डांखळा 4 / गणपति प्रकाश माथुर

ब्यूटी पारलर सूं आंतां बन्नी होगी लेट।
ढोल रै ढमाकै बन्नो आय पूग्यो ठेट।।
कपासिया बगावण खातर।
बरमाळा करावण खातर।।
काढ घूंघटो काकी बीं’री बणगी डुप्लीकेट।।

चुणावां री तारीखड़ी जद साव नेड़ी आगी।
मसाणां कबरिस्तानां में खड़बड़ होवण लागी।।
जाणणो जद चायो।
काकै भेद बतायो।।
लारैसी चलग्या हा जका नेता है अै सागी।।