डायरी की तरह बन्द करके
रख देती हूँ
अक्सर ऎसे बहुत से दिन
जब
उनमें एक अजीब-सी
एकरूपता होती है
खाली या भरे होने की ।
(रचनाकाल : 1977)
डायरी की तरह बन्द करके
रख देती हूँ
अक्सर ऎसे बहुत से दिन
जब
उनमें एक अजीब-सी
एकरूपता होती है
खाली या भरे होने की ।
(रचनाकाल : 1977)