एक तिल है बाईं आँख की सरहद पर तुम्हारी
जो मेरी निगाह से रार ठाने रहता है ।
उसे समझाओ न...!... या थोड़ा काजल बढ़ा कर छिपा ही दो ।
डिठौना करीब २८ में ठीक नहीं ।
इसे हमारे बच्चों के लिए रख छोड़ो ।
एक तिल है बाईं आँख की सरहद पर तुम्हारी
जो मेरी निगाह से रार ठाने रहता है ।
उसे समझाओ न...!... या थोड़ा काजल बढ़ा कर छिपा ही दो ।
डिठौना करीब २८ में ठीक नहीं ।
इसे हमारे बच्चों के लिए रख छोड़ो ।