रात के समुन्दर में
डूब गया सूरज
डुब्ब...डुब्ब...डुब्ब !
डुब्ब...डुब्ब...डुब्ब !
ऊँची पहाड़ी को चढ़कर था आया
पूरब से पच्छिम का चक्कर लगाया
चक्कर ही चक्कर में
डूब गया सूरज
डुब्ब...डुब्ब...डुब्ब !
डुब्ब...डुब्ब...डुब्ब !
केसर के रंगमें, काजल के रंग में,
चित्र बनाए कितने किरणों के संग में,
थक कर फिर पल भर में
डूब गया सूरज
डुब्ब...डुब्ब...डुब्ब !
डुब्ब...डुब्ब...डुब्ब !