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ढेरी / ककबा करैए प्रेम / निशाकर


बुन्न एक ठाम ढेरी भेलासँ बनि जाइछ
पोखरि
लुत्ती एक ठाम ढेरी भेलासँ
आगि
बालु एक ठाम ढेरी भेलासँ
रेगिस्तान
विश्वास एक ठाम ढेरी भेलासँ
संबंध
शंका एक ठाम ढेरी भेलासँ
संबंध-विच्छेद
क्रोध एक ठाम ढेरी भेलासँ
विध्वंस
नोर एक ठाम ढेरी भेलासँ
शोक
प्रेम एक ठाम ढेरी भेलासँ
सृजन
सृष्टिक पहिले दिनसँ चलि रहल अछि
ई बेबहार
आ चलैत रहत
सभ दिन।