पेड़ पर टंगी उदासी
पूर्णिमा के चाँद की तरह
झाँकती है स्पष्ट
- कोहरे में छुपी
- धूल में लिपटी
- बारिश में भीगी
- मेघ गर्जन सी
- तड़ित रश्मियाँ
- एकाएक छिटक जाती हैं
- देश-प्रदेश के
- सीले भू-भाग पर
- कौंधती हैं स्मृतियाँ
- बीते युगों की
पेड़ पर टंगी उदासी
पूर्णिमा के चाँद की तरह
झाँकती है स्पष्ट