बुन्देली लोकगीत ♦ रचनाकार: ईसुरी
तन कौ कौन भरोसों करनैं।
आखिर इक दिन मरनैं।
जौ संसार ओस कौ बूँदा,
पवन लगै सें ढुरनें।
जौ लों जी की जियन जोरिया-
जी खाँ जे दिन भरनें।
ईसुर ई संसारै आकें।
बुरै काम खों डरनें।
तन कौ कौन भरोसों करनैं।
आखिर इक दिन मरनैं।
जौ संसार ओस कौ बूँदा,
पवन लगै सें ढुरनें।
जौ लों जी की जियन जोरिया-
जी खाँ जे दिन भरनें।
ईसुर ई संसारै आकें।
बुरै काम खों डरनें।