तपस्वी के तप सी
घनघोर गहरी तम सी
मैं यम की दूत मृत्यु हूँ।
स्थिर अभ्यंकर सी
नग्न प्रस्तर सी
मैं काल की दूत मृत्यु हूँ।
गहरे उच्छवास सी
पुष्प में सुवास सी
मैं शाश्वत दूत मृत्यु हूँ।
भ्रम क्षितिज सी
अहार्य नक्षत्र सी
मैं नियति की दूत मृत्यु हूँ।
जीवन की छाया सी
सरल अनुगामिनी सी
मैं आरंभ की दूत मृत्यु हूँ।
अखंड ऊर्जा सी
सम्यक संतुलन सी
मैं शिवत्व की दूत मृत्यु हूँ।
तप्त अगन सी
तीक्ष्ण गरल सी
मैं निर्वाण की दूत मृत्यु हूँ।
निर्भीक महाकाल सी
खोज रहस्य सी
मैं सत्य की दूत मृत्यु हूँ।
भयानक संहार सी
सम्मोहक प्रेयसी सी
मैं मोक्ष की दूत मृत्यु हूँ।
अपराजेय नाराच सी
अमोघ बाण सी
मैं चिर शांति का दूत मृत्यु हूँ।