Last modified on 9 मई 2011, at 10:14

तरबूज / नरेश अग्रवाल

जब उसे काटा गया
दो टुकड़े में
होंठ दिखला- दिखलाकर
हॅंस रहा था वह
फिर उसे काटा गया
अनेक टुकड़ों में
अब वह मुँह फाड़-फाडक़र
हॅंस रहा था
धडऩुमा थाल में ।