Last modified on 28 अप्रैल 2009, at 02:49

तस्वीर देख कर / गिरधर राठी

उनके फूलों में
हमारे जन्म-दिन छिपे थे

फूल उनके ही हाथों रहे
हमने पढ़े अख़बार