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ताउम्र / कुमार राहुल

कई ऐसी बातें हैं
जो कही नहीं जा सकती

कई ऐसे लम्हें हैं
जो दोहराए नहीं जा सकते

ऐसे कई इशारात हैं
जिन्होंने कबूले नहीं
अपने इकरारनामे

कई तहरीरें तो ऐसी हैं
जो पढ़ी न जाएँ
शायद कभी

कई मुलाकातें हैं ऐसी
जो छूट गयी रस्ते में
और याद नहीं

मुंतज़िर की मुंतज़िर
रह जाती हैं आँखें

थकन एक वक़्त के बाद
थकन नहीं रहती

अल किस्सा ये
कि ऐसे कई अफ़सोस हैं
जो रहते हैं साथ, 'ताउम्र' ...