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तारासीरा पाठी क पीठा / शकुंतला तरार

तारासीरा पाठीकपीठा धरारपटा रेंगयं
कड़बिड़कईया सुदूर बुदूर अपने-अपन गोठियावयं॥

गुंटूर-गुंटूर,गुंटूर-गुंटूर नोनी बाबू पढयं
भसर-भसर,भसर-भसर बोदेला टूरा सोवय॥

तनानना-तनानना लेड़गी टूरी रहय
घेरीबेरी-घेरीबेरी दाई के गारी खावय॥

घुटुर-घुटुर, घुटुर-घुटुर गाड़ा बईला रेंगय
कुटुर-कुटुर कुटुर-कुटुर सुवा परेवाँ कुटकयं॥

आखाबाखा, आखाबाखा संग माँ जुरमिल रहव
खटापटी, खटापटी ले अपन ला बचावव॥