Last modified on 22 मई 2018, at 12:21

तारे / बालकृष्ण गर्ग

चंदा-सूरज, दोनों हैं यदि
गोल-गोल लड्डू प्यारे।
झुंड चिटियों औ’ चीटों के
हैं फिर तो नन्हें तारे।

[रचना : 14 मई 1996]