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तारे / मुस्कान / रंजना वर्मा

काली चादर पर बेला के
फूल खिले ज्यों प्यारे।
चमक रहे हैं नील गगन में
टिम टिम करते तारे॥

कुमुद पुष्प से भरा सरोवर
चाँद कमल हो जैसे।
रात सुंदरी की चुनरी में
चमकें तारे ऐसे।

हाथ मिलाने हमसे आये
तारे ज्यों अंगारे।
चमक रहे हैं नील गगन में
टिम टिम करते तारे॥

नींद परी देती है थपकी
पलकों पर, सो जाओ।
बहती ठंढी हवा कह रही
सपनों में खो जाओ।

हाथ बढ़ाओ आ जायेंगे
तारे हाथ तुम्हारे।
चमक रहे हैं नील गगन में
टिम टिम करते तारे॥