तमाम तमन्नाओं ने तालीम-सी दी है
कि दरवाज़ा-ए-दिल खोल कर अपने
आओ, अपनी रूह का इज़हार करें हम
आओ, अपनी साँसें नागवार करें हम
क़ायनात से परे कहीं प्यार करें हम...
तमाम तमन्नाओं ने तालीम-सी दी है
कि दरवाज़ा-ए-दिल खोल कर अपने
आओ, अपनी रूह का इज़हार करें हम
आओ, अपनी साँसें नागवार करें हम
क़ायनात से परे कहीं प्यार करें हम...