तितली ओ तितली
कहाँ चली कहाँ चली।
रंग भरे छापे के
कपड़ो को पहन चली॥
झीने से पंखों को
खोल-खोल उड़ चली।
बैठी जब फूल पर
खिल उठी कली-कली॥
रस लिया, रस पिया
तैरती-सी उड़ चली।
तितली ओ तितली
कहाँ चली कहाँ चली॥
तितली ओ तितली
कहाँ चली कहाँ चली।
रंग भरे छापे के
कपड़ो को पहन चली॥
झीने से पंखों को
खोल-खोल उड़ चली।
बैठी जब फूल पर
खिल उठी कली-कली॥
रस लिया, रस पिया
तैरती-सी उड़ चली।
तितली ओ तितली
कहाँ चली कहाँ चली॥