Last modified on 15 अक्टूबर 2013, at 12:41

तीजौ फेरौ / अर्जुनदेव चारण

म्हैं
सूंप देवूंला
थनै म्हारौ बळ
थूं बाजजे अपरबळी
करजे म्हारी रिच्छा
रोपजे
म्हारै सारूं ई
अेक खूंटौ
ऊंची करजे
चारूं कांनी बाड़
कांटां रै घेरै
थारी छत्तरछींया
म्हैं गावूंला
थारा गुण

लौ
म्हैं
तीजौ फेरौ लेवूं