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तुझे कुछ याद आता है / शहरयार

मैं तेरे जिस्म तक किन रास्तों से

होके पहुँचा था

ज़मीं, आवाज़ और गंदुम के ख़ोशों की महक

मैं साथ लाया था

तुझे कुछ याद आता है।