Last modified on 12 अप्रैल 2010, at 20:48

तुम/आप / सुतिन्दर सिंह नूर

बरसों लगते हैं
आप से तुम तक पहुँचते हुए
तुम से आप तक
एक पल में पहुँच जाते हैं।

मूल पंजाबी भाषा से अनुवाद : शांता ग्रोवर