मगही लोकगीत ♦ रचनाकार: अज्ञात
तुमको मैं टोना करूँगी रे, बाली<ref>कमसिन</ref> भोली का दुलहा॥1॥
सेहरे में टोना भेजा, सेहरा बाँधि<ref>बाँधकर</ref> आया रे, मेरा असला<ref>अच्छे खानदान का</ref> दमदवा।
तुझको मैं टोना करूँगी रे, बाली भोली का दुलहा।
तुझको मैं टोना करूँगी रे, मेरा नेवता<ref>निमंत्रित, नम्र, शरीफ</ref> दमदवा।
तुझको मैं टोना करूँगी रे, मेरा झुकता<ref>झुककर चलता हुआ</ref> दमदवा॥2॥
जोड़े में टोना भेजा पेन्हि<ref>पहनकर</ref> आया रे, मेरा असला दमदवा।
तुझको मैं टोना करूँगी रे, मेरा भोला दमदवा॥3॥
मोजे में टोना भेजा, मोजा पेन्हि आया रे, मेरा नेवता दमदवा।
तुझको मैं टोना करूँगी रे, बाली भोली का दुलहा।
तुझको मैं टोना करूँगी रे, मेरी लाड़ो का दुलहा।
तुझको मैं टोना करूँगी रे, मेरा दुलरा दमदवा॥4॥।
शब्दार्थ
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