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तुमने कहा था-5 / प्रेमचन्द गांधी

यह चंद्रमा न होता तो
यह पृथ्वी भी ऐसी न होती
चंद्रमा और पृथ्वी के बीच
जो शून्य गुरूत्वाकर्षण है
वहीं हमारा प्रेम बसता है