Last modified on 27 मई 2021, at 18:30

तुमने कहा ... / विवेक चतुर्वेदी

तपने तो लगी थी दोपहर चैत की
पर क्यों आज
ज़रा मुलायम सा लगा दिन

सुबह तुमने
धूप से
कुछ कहा था क्या ?