तुम्हारा जाना
जैसे कि कोई शब्द नहीं
तुम्हारा न होना
जैसे कि कोई धूप और मिट्टी नहीं
तुम सा न होना
जैसे कि गुमशुदा मन
तुममें न होना
जैसे कि आत्मा की रुंधी आवाज
तुम्हारा होना
जैसे कि एक अश्क छलकता प्रेम
तुमसे दूर होना
जैसे कि हर दुःख पहाड़ और नदी।