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तुम्हारी थकान / नरेश अग्रवाल

इधर तुम काम बन्द करते हो
उधर सूरज अपनी रोशनी
चारों तरफ अंधेरा छा जाता है
और तुम्हारी थकान
जलने लगती है
एक मोमबत्ती की तरह ।