Last modified on 21 मार्च 2020, at 14:58

तुम्हारे आने की बात / मनीष मूंदड़ा

बात तुम्हारे आने की हैं
इसलिए सब ख़ुशनुमा-सा हैं
चाँद को अपने काँधे पर संभाले
शाम इंतजार कर रही है
तुम्हारे आने का
वहीं सूरज तुम्हें नजर करने
ठहरा हुआ है
ये पंछियों का कलरव भी
तुम्हारे स्वागत की
चहलपहल का हिस्सा हैं
बादल गहरे सुनहरे रंग लिए
तुम्हारी एक झलक को लालायित हैं
इन सब से घिरा मैं
और मेरा मन
मेरी आँखों का साथ दे रहें हैं
पलकें बिछाए
तुम्हारे इंतजार में...