Last modified on 9 अप्रैल 2015, at 14:14

तुम्हारे प्यार की ख़ुशबू / किरण मिश्रा

रात भर बारिश में,
ऐसे भीगा मोगरा

जैसे भीगता है मन मेरा
तुम्हारे प्यार में
और खिल-खिल-सा जाता है ।

मैंने उस मोगरे की
बना ली है वेणी
और टाँक लिया है जूड़े में

इस तरह महकती रहती हूँ
तुम्हारे प्यार की ख़ुशबू में ।