तुम आओ
कि तुम्हारे बिना
बिखरे हुए हैं
मेरे क़दमों के राह …
तुम आओ …
कि तेरे बिना
बाँहों में टूट रही है
मेरी सांस ….
तुम आओ …
इक बार लिख जाओ
मेरी कलम से
मुहब्बत का गीत …
मैं इश्क़ की आग में
हाथ डाल लूँगी …. !!
तुम आओ
कि तुम्हारे बिना
बिखरे हुए हैं
मेरे क़दमों के राह …
तुम आओ …
कि तेरे बिना
बाँहों में टूट रही है
मेरी सांस ….
तुम आओ …
इक बार लिख जाओ
मेरी कलम से
मुहब्बत का गीत …
मैं इश्क़ की आग में
हाथ डाल लूँगी …. !!