तुम घटाना मत
अपना प्रेम
तब भी नहीं
जब लोग करने लगें
उसका हिसाब ।
ठगा हुआ पाओ
अपने को
अकेला
एक दिन--
तब भी नहीं ।
मत घटाना
अपना प्रेम ।
बंद कर देगी तुमासे बोलना
नहीं तो
धरती यह चिड़िया यह घास यह--
मुँह फेर लेगा आसमान ।
नहीं, तुम घटाना नहीं
अपना प्रेम ।